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Holy Qurbana

Worship Service

Sunday
 
November 03, 2024

Services

08:30 AM

Eng. Holy Qurbana Led by Sunday School

03:00 PM

Eng Holy Qurbana

Sunday Events




Lectionary Theme: Kudosh Eetho: Sanctification of the Church; Beginning of the Liturgical Year; World Sunday School Day: Jesus Christ who embraces children

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    1. जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, यहोवा ने उससे बात की। यहोवा ने कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। मेरे लिए ये काम करो। मेरी आज्ञा मानो और सही रास्ते पर चलो।

    2. अगर तुम यह करो तो मैं अपने और तुम्हारे बीच एक वाचा तैयार करूँगा। मैं तुम्हारे लोगों को एक महान राष्ट्र बनाने का वचन दूँगा।”

    3. अब्राम ने अपना मुँह जमीन की ओर झुकाया। तब परमेश्वर ने उससे बात—चीत की और कहा,

    4. “हमारी वाचा का यह भाग मेरा है। मैं तुम्हें कई राष्ट्रों का पिता बनाऊँगा।

    5. मैं तुम्हारे नाम को बदल दूँगा। तुम्हारा नाम अब्राम नहीं रहेगा। तुम्हारा नाम इब्राहीम होगा। मैं तुम्हें यह नाम इसलिए दे रहा हूँ कि तुम बहुत से राष्ट्रों के पिता बनोगे।”

    6. “मैं तुमको बहुत वंशज दूँगा। तुमसे नए राष्ट्र उत्पन्न होंगे। तुमसे नए राजा उत्पन्न होंगे

    7. और मैं अपने और तुम्हारे बीच एक वाचा करूँगा। यह वाचा तुम्हारे सभी वंशजों के लिए होगी। मैं तुम्हारा और तुम्हारे सभी वंशजों का परमेश्वर रहूँगा। यह वाचा सदा के लिए बनी रहेगी

    8. और मैं यह प्रदेश तुमको और तुम्हारे सभी वंशजों को दूँगा। मैं वह प्रदेश तुम्हें दूँगा जिससे होकर तुम यात्रा कर रहे हो। मैं तुम्हें कनान प्रदेश दूँगा। मैं तुम्हें यह प्रदेश सदा के लिए दूँगा और मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा।”

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    7. हे प्यारे मित्रों, मैं तुम्हें कोई नई आज्ञा नहीं लिख रहा हूँ बल्कि यह एक सनातन आज्ञा है, जो तुम्हें प्रारम्भ में ही दे दी गयी थी। यह पुरानी आज्ञा वह सुसंदेश है जिसे तुम सुन चुके हो।

    8. मैं तुम्हें एक और दूसरी नयी आज्ञा लिख रहा हूँ। इस तथ्य का सत्य मसीह के जीवन में और तुम्हारे जीवनों में उजागर हुआ है क्योंकि अन्धकार विलीन हो रहा है और सच्चा प्रकाश तो चमक ही रहा है।

    9. जो कहता है, वह प्रकाश में स्थित है और फिर भी अपने भाई से घृणा करता है, तो वह अब तक अंधकार में बना हुआ है।

    10. जो अपने भाई को प्रेम करता है, प्रकाश में स्थित रहता है। उसके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कोई पाप में न पड़े।

    11. किन्तु जो अपने भाई से घृणा करता है, अँधेरे में है। वह अन्धकारपूर्ण जीवन जी रहा है। वह नहीं जानता, वह कहाँ जा रहा है। क्योंकि अँधेरे ने उसे अंधा बना दिया है।

    12. हे प्यारे बच्चों, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि यीशु मसीह के कारण तुम्हारे पाप क्षमा किए गए हैं।

    13. हे पिताओं, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम, जो अनादि काल से स्थित है उसे जानते हो। हे युवको, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि तुमने उस दुष्ट पर विजय पा ली है।

    14. हे बच्चों, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम पिता को पहचान चुके हो। हे पिताओ, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम जो सृष्टि के अनादि काल से स्थित है, उसे जान गए हो। हे नौजवानों, मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम शक्तिशाली हो, परमेश्वर का वचन तुम्हारे भीतर निवास करता है और तुमने उस दुष्ट आत्मा पर विजय पा ली है।

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    1. हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है।

    2. “अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है,

    3. “तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।”

    4. और हे पिताओं, तुम भी अपने बालकों को क्रोध मत दिलाओ बल्कि प्रभु से मिली शिक्षा और निर्देशों को देते हुए उनका पालन-पोषण करो। सेवक और स्वामी

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    13. -

    14. जब यीशु ने यह देखा तो उसे बहुत क्रोध आया। फिर उसने उनसे कहा, “नन्हे-मुन्ने बच्चों को मेरे पास आने दो। उन्हें रोको मत क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है।

    15. ; लूका

    16. फिर उन बच्चों को यीशु ने गोद में उठा लिया और उनके सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीष दी। यीशु से एक धनी व्यक्ति का प्रश्न (मत्ती