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Holy Qurbana

Worship Service

Sunday
 
November 24, 2024

Services

08:30 AM

Eng Holy Qurbana

Sunday Events





Lectionary Theme: Annunciation to Virgin Mary, Virgin Mary: The model of dedication for the people of God; Diaspora Sunday

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    1. हन्ना ने कहा: “यहोवा, में, मेरा हृदय प्रसन्न है! मैं अपने परमेश्वर में शक्तिमती अनुभव करती हूँ! मैं अपनी विजय से पूर्ण प्रसन्न हूँ! और अपने शत्रुओं की हँसी उड़ाई हूँ।

    2. यहोवा के सदृश कोई पवित्र परमेश्वर नहीं। तेरे अतिरिक्त कोई परमेश्वर नहीं! परमेश्वर के अतिरिक्त कोई आश्रय शिला नहीं।

    3. बन्द करो डींगों का हाँकना! घमण्ड भरी बातें न करो! क्यों? क्योंकि यहोवा परमेश्वर सब कुछ जानता है, परमेश्वर लोगों को राह दिखाता है और उनका न्याय करता है।

    4. शक्तिशाली योद्धाओं के धनुष टूटते हैं! और दुर्बल शक्तिशाली बनते हैं!

    5. जो लोग बीते समय में बहुत भोजन वाले थे, उन्हें अब भोजन पाने के लिये काम करना होगा। किन्तु जो बीते समय में भूखे थे, वे अब भोजन पाकर मोटे हो रहे हैं! जो स्त्री बच्चा उत्पन्न नहीं कर सकती थी अब सात ब्च्चों वाली है! किन्तु जो बहुत बच्चों वाली थी, दु:खी है क्योंकि उसके बच्चे चले गये।

    6. “यहोवा लोगों को मृत्यु देता है, और वह उन्हें जीवित रहने देता है। यहोवा लोगों को मृत्युस्थल व अधोलोक को पहुँचाता है, और पुन: वह उन्हें जीवन देकर उठाता है।

    7. यहोवा लोगों को दीन बनाता है, और यहोवा ही लोगों को धनी बनाता है। यहोवा लोगों को नीचा करता है, और वह लोगों को ऊँचा उठाता है।

    8. यहोवा कंगालों को धूलि से उठाता है। यहोवा उनके दुःख को दूर करता है। यहोवा कंगालों को राजाओं के साथ बिठाता है। यहोवा कंगालों को प्रतिष्ठित सिंहासन पर बिठाता है। पूरा जगत अपनी नींव तक यहोवा का है! यहोवा जगत को उन खम्भों पर टिकाया है!

    9. “यहोवा अपने पवित्र लोगों की रक्षा करता है। वह उन्हें ठोकर खाकर गिरने से बचाता है। किन्तु पापी लोग नष्ट किये जाएंगे। वे घोर अंधेरे में गिरेंगे। उनकी शक्ति उन्हें विजय प्राप्त करने में सहायक नहीं होगी।

    10. यहोवा अपने शत्रुओं को नष्ट करता है। सर्वोच्च परमेश्वर लोगों के विरुद्ध गगन में गरजेगा। यहोवा सारी पृथ्वी का न्याय करेगा। यहोवा अपने राजा को शक्ति देगा। वह अपने अभीषिक्त राजा को शक्तिशाली बनायेगा।”

    11. एल्काना और उसका परिवार अपने घर रामा को गया। लड़का शीलो में रह गया और याजक एली के अधीन यहोवा की सेवा करता रहा। एली के बुरे पुत्र

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    1. मैं कहता हूँ कि उत्तराधिकारी जब तक बालक है तो चाहे सब कुछ का स्वामी वही होता है, फिर भी वह दास से अधिक कुछ नहीं रहता।

    2. वह अभिभावकों और घर के सेवकों के तब तक अधीन रहता है, जब तक उसके पिता द्वारा निश्चित समय नहीं आ जाता।

    3. हमारी भी ऐसी ही स्थिति है। हम भी जब बच्चे थे तो सांसारिक नियमों के दास थे।

    4. किन्तु जब उचित अवसर आया तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा जो एक स्त्री से जन्मा था। और व्यवस्था के अधीन जीता था।

    5. ताकि वह व्यवस्था के अधीन व्यक्तियों को मुक्त कर सके जिससे हम परमेश्वर के गोद लिये बच्चे बन सकें।

    6. और फिर क्योंकि तुम परमेश्वर के पुत्र हो, सो उसने तुम्हारे हृदयों में पुत्र की आत्मा को भेजा। वही आत्मा “हे अब्बा, हे पिता” कहते हुए पुकारती है।

    7. इसलिए अब तू दास नहीं है बल्कि पुत्र है और क्योंकि तू पुत्र है, इसलिए तुझे परमेश्वर ने अपना उत्तराधिकारी भी बनाया है।

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    1. इसलिए हे भाइयो परमेश्वर की दया का स्मरण दिलाकर मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि अपने जीवन एक जीवित बलिदान के रूप में परमेश्वर को प्रसन्न करते हुए अर्पित कर दो। यह तुम्हारी आध्यात्मिक उपासना है जिसे तुम्हें उसे चुकाना है।

    2. अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।

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    26. छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में

    27. एक कुँवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दाविद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम.

    28. मरियम को सम्बोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.”

    29. इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है.

    30. स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं.

    31. सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें.

    32. वह महान होंगे. परमप्रधान के पुत्र कहलाएँगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दाविद का सिंहासन सौंपेंगे,

    33. वह याक़ोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अन्त कभी न होगा.”

    34. मरियम ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “यह कैसे सम्भव होगा क्योंकि मैं तो कुँवारी हूँ?”

    35. स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्रात्मा आप पर उतरेंगे तथा परमप्रधान का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा. इसलिए जो जन्म लेंगे, वह पवित्र और परमेश्वर-पुत्र कहलाएँगे.

    36. और यह भी सुनिए: आपकी परिजन एलिज़ाबेथ ने अपनी वृद्धावस्था में एक पुत्र गर्भधारण किया है. वह, जो बाँझ कहलाती थीं, उन्हें छः माह का गर्भ है.

    37. परमेश्वर के लिए असम्भव कुछ भी नहीं.”

    38. मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ. मेरे लिए वही सब हो, जैसा आपने कहा है.” तब वह स्वर्गदूत उनके पास से चला गया.