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Holy Qurbana

Worship Service

Sunday
 
December 01, 2024

Services

08:30 AM

Mal Holy Qurbana Led by Sevika Sanghom

02:00 PM

Satellite Service Blackburn Sunday School

03:00 PM

Eng Holy Qurbana

Lectionary Theme: Beginning of 25 Days Lent, Meeting of Virgin Mary and Elizabeth: Mutual acceptance of two partners in God’s salvation plan; Bible Sunday

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    1. यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। फ़िरौन के लिए तुम एक महान राजा की तरह होगे और हारून तुम्हारा अधिकृत वक्ता होगा।

    2. जो आदेश मैं दे रहा हूँ वह सब कुछ हारून से कहो। तब वह वे बातें जो मैं कह रहा हूँ, फ़िरौन से कहेगा और फ़िरौन इस्राएल के लोगों को इस देश से जाने देगा।

    3. किन्तु मैं फ़िरौन को हठी बनाऊँगा। वह उन बातों को नहीं मानेगा जो तुम कहोगे। तब मैं मिस्र में बहुत से चमत्कार करूँगा। किन्तु वह फिर भी नहीं सुनेगा।

    4. इसलिए तब मैं मिस्र को बुरी तरह दण्ड दूँगा और मैं अपने लोगों को उस देश के बाहर ले चलूँगा।

    5. तब मिस्र के लोग जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ। मैं उनके विरूद्ध हो जाऊँगा, और वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ। तब मैं अपने लोगों को उनके देश से बाहर ले जाऊँगा।”

    6. मूसा और हारून ने उन बातों का पालन किया जिन्हें यहोवा ने कहा था।

    7. इस समय मूसा अस्सी वर्ष का था और हारून तिरासी का। मूसा की लाठी का साँप बनना

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    5. और समूचे धीरज और बढ़ावे का स्रोत परमेश्वर तुम्हें वरदान दे कि तुम लोग एक दूसरे के साथ यीशु मसीह के उदाहरण पर चलते हुए आपस में मिल जुल कर रहो।

    6. ताकि तुम सब एक साथ एक स्वर से हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमपिता, परमेश्वर को महिमा प्रदान करो।

    7. इसलिए एक दूसरे को अपनाओ जैसे तुम्हें मसीह ने अपनाया। यह परमेश्वर की महिमा के लिए करो।

    8. मैं तुम लोगों को बताता हूँ कि यह प्रकट करने को कि परमेश्वर विश्वसनीय है उनके पुरखों को दिये गए परमेश्वर के वचन को दृढ़ करने को मसीह यहूदियों का सेवक बना।

    9. ताकि ग़ैर यहूदी लोग भी परमेश्वर को उसकी करुणा के लिए महिमा प्रदान करें। शास्त्र कहता है: “इसलिये ग़ैर यहूदियों के बीच तुझे पहचानूँगा और तेरे नाम की महिमा गाऊँगा।”

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    39. मरियम तुरन्त यहूदिया प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के एक नगर को चली गईं.

    40. वहाँ उन्होंने ज़कर्याह के घर पर जाकर एलिज़ाबेथ को नमस्कार किया.

    41. जैसे ही एलिज़ाबेथ ने मरियम का नमस्कार सुना, उनके गर्भ में शिशु उछल पड़ा और एलिज़ाबेथ पवित्रात्मा से भर गईं.

    42. वह उल्लसित शब्द में बोल उठी, “तुम सभी नारियों में धन्य हो और धन्य है तुम्हारे गर्भ का फल!

    43. मुझ पर यह कैसी कृपादृष्टि हुई है, जो मेरे प्रभु की माता मुझसे भेंट करने आई हैं!

    44. देखो तो, जैसे ही तुम्हारा नमस्कार मेरे कानों में पड़ा, हर्षोल्लास से मेरे गर्भ में शिशु उछल पड़ा.

    45. धन्य है वह, जिसने प्रभु द्वारा कही हुई बातों के पूरा होने का विश्वास किया है!”